
प्यार का मिसाल माना जाने वाला दुनिया का यह अजूबा भारत का गर्व है। इस अद्भुत स्मारक को सफेद संगमरमर से शाहजहां द्वारा उसकी बेगम मुमताज महल की याद में बनवाया गया था। दुनिया का हर एक इंसान आज ताजमहल को देखने की चाह रखता है क्योंकि इसे मोहब्बत का एक मंदिर कहा जाता है।
यमुना नदी के किनारे पर स्थित यह इमारत एक विश्वसनीय स्थान है। हेलो दोस्तों मैं हूं सुबोध और आप देख रहे हैं। हमारा युटुब चैनल ज्ञान मंथन आज हम बात करने वाले हैं। ताजमहल के बारे में बताएंगे आपको ताजमहल से जुड़े रहस्य और इतिहास के बारे में और साथ ही साथ ताजमहल से जुड़ी कुछ रोचक और मजेदार जानकारी के बारे में तो चलिए शुरू करते हैं। दोस्तों 1631। इसमें शाहजहां के साम्राज्य में हर जगह अपना जीत का परचम लहरा दिया था। उस समय शाहजहां की सभी बेगम में उनकी सबसे प्रिय बेगम मुमताज महल थी। लेकिन प्रशियन बेगम मुमताज महल की मृत्यु अपने 14 वर्ष। को जन्म देते समय हो गई। उनके चौथ में बच्चे का नाम गौहर बेगम था।
Tajmahal का निर्माण किस शासनकाल शुरू हुआ:
आगरा Tajmahal का निर्माण मुगल सम्राट शाहजहां का शासनकाल 1628 से 1658 तक था उन्होंने अपनी पत्नी मुमताज महल की याद में बनवाया था। ताजमहल का निर्माण कार्य 1632 इसमें से शुरू हुआ। शाहजहां चाहते थे कि दुनिया मुमताज और उनकी प्रेम कहानी को हमेशा याद रखें। इसलिए उनकी याद में को कुछ ऐतिहासिक धरोहर बनाना चाहते थे, जिसमें ताजमहल का निर्माण हुआ। ताजमहल भारत के आगरा शहर में यमुना नदी के तट पर स्थित एक विश्व धरोहर मकबरा है। ताजमहल में मकबरे और मेहमान घर का भी समावेश है और साथ ही इसके दोनों ओर गार्डन है। ताजमहल का निर्माण लगभग 16 से 43 ईसवी में ही खत्म हो गया था। लेकिन फिर भी उसकी सुंदरता को बढ़ाने के लिए और दस्त। इसमें काम किया गया था। ताजमहल का निर्माण तकरीबन 16 से 53 ईसवी में पूरा हो गया था और उस समय उसे बनाने में लगभग 32 मिलियन रुपयों का खर्चा लगा था।
Tajmahal के निर्माण:
आगरा Tajmahal के निर्माण जानकारी के अनुसार 25000 से ज्यादा कारीगरों ने काम किया था। उस्ताद अहमद लाहौरी को पर्याय ताजमहल का प्रधान रूप आंगन करता माना जाता है। 1983 ईस्वी में ताजमहल यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल बना। इसके साथ ही इसे विश्व धरोहर के सर्वत्र प्रशंसा पाने वाली अधिकतम मानवीय कृतियों में से एक बताया गया। ताजमहल को भारत की इस्लामिक कलाकार रतन भी घोषित किया गया। रविंद्र नाथ टैगोर ने अपने लेख 10 इयर ड्रॉप ऑफ द चीफ ऑफ टाइम में उस समय मुगलकालीन बहुत सी बातों कलाओं का वर्णन किया था और भारतीय इतिहास के महान कृतियों को दुनिया के सामने रखा था।
हर साल ताजमहल को लगभग। 9 से 10 मिलियन लोग देखने आते हैं। 2007 में ताजमहल को दुनिया के सात आश्चर्य की सूची में भी शामिल किया गया था। अब करते हैं पांच ताजमहल की वास्तुकला और बनावट के बारे में का निर्माण पर और प्राचीन मुगल परंपराओं को ध्यान में रखते हुए किया गया जिसमें अधिकतर प्रेरणा उन्हें मुगलकालीन दूसरी इमारतें जैसे गुरु, अमीर, हुमायूं का मकबरा और जामा मस्जिद से मिली। प्राचीन मुगल काल में प्राया इमारतों का निर्माण लाल बलुआ पत्थरों से किया जाता था। लेकिन शाहजहां ने ताजमहल का निर्माण सफेद मार्बल चेक करने की ठानी इससे ताजमहल की सुंदरता को चार चांद लग गए।बेगम मुमताज महल का कब्र ताजमहल में कहां पर है।
Tajmahal के मध्य में ही मुमताज महल के कब्र को बनाया गया है। बेगम मुमताज महल की कब्र बड़ी और सफेद मार्बल से बनी हुई है। उनकी कब्र को काफी। अलंकृत किया गया है। मुस्लिम परंपरा के अनुसार कब्र की विस्तृत सजा मन है इसलिए शाहजहां और मुमताज के पार्थिव शरीर इसके नीचे तुलनात्मक रूप से साधारण असली कमरों में दम है जिनके मुख जाएं एवं मक्का की तरफ है। मुमताज महल की कब्र आंतरिक कच्छ में स्थित है। उनकी कब्र का आधार लगभग 55 मीटर का बना है। उनकी कब्र का आधार है। ऊपर का सिंगारदान रूप दोनों ही बहुमूल्य पत्थरों की टीम रत्नों से जड़े हैं।