मध्य प्रदेश के सीधी जिले का प्राकृतिक सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व है सीधे मध्य प्रदेश उत्तर पुरुष छोर पर स्थित जिला है सोन नदी सीधी जिले की महत्वपूर्ण नदी है यही Super Thermal Power Station है जिससे बहुत बड़े क्षेत्र में विद्युत आपूर्ति होती है आप अपनी छुट्टियों में घूमने के लिए जा सकते हैं
संजय राष्ट्रीय उद्यान:
संजय राष्ट्रीय पार्क सीधी जिले का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है यह सीधी में घूमने की सबसे अच्छी जगहों में से एक है लोग यहाँ पर छुट्टियां बिताने मध्य प्रदेश के कोने कोने से आते हैं ये खूबसूरत पार्क सीधी और सिंगरौली जिले में फ़ैला हुआ है कहाँ जाए तो यह पार्क मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में फ़ैला हुआ है छत्तीसगढ़ में इस पार्क को गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान के नाम से भी जाना जाता है Sanjay National Park में आपको घास के मैदान, घने जंगल, पहाड़, नदी और जंगली जानवर देखने के लिए मिल जाते हैं अगर आप प्रदेश में सबसे कम ही भाड़ वाले राष्ट्रीय उद्यान में घूमना चाहते हैं तो आप Sanjay National Park को चुन सकते हैं क्योंकि इस park में ज़्यादा लोग नहीं आते हैं
और यहां पर आप शांति से घूमने का मजा ले सकते हैं वन्य जीवन के दर्शन कर सकते हैं यहां पर वे विभिन्न तरह के पेड़ पौधों की प्रजातियां पाई जाती हैं संजय national स्थल पार्क के संजय दुबरी वन्य जीव दोनों मिल कर 810 वर्ग kilometer का क्षेत्र में फ़ैले हुए हैं संजय national park में आपको वनस्पति में मुख्य रूप से सागौन, साल और बांस के पेड़ देखने के लिए मिलते हैं यहां पर आपको वन्य जीवन में बाघ, तेंदुआ, चिंकारा, चीतल, नीलगाय, सांभर जंगली बिल्ली भोग वाले हिरण, भालू आदि देखने के लिए मिल जायेगे यह प्रवासी पक्षियों को देखने के लिए एक बेहद ही अच्छी जगह है यहां पर प्रवासी पक्षी आपको ठंड के समय देखने के लिए मिल जाएंगे, यहां पर आपको Tree House भी देखने के लिए मिल जाते हैं
सोन घड़ियाल अभ्यारण:
सोन नदी का 161 kilometer बनास नदी का 23 kilometer का क्षेत्र मिलाकर कुल 210 kilometer क्षेत्र को 1981 में अभ्यारण के रूप में घोषित किया गया था सोन घड़ियाल अभ्यारण project क्रोकोडाइल के अंतर्गत घड़ियाल संरक्षण व जनसंख्या वृद्धि हेतु स्थापित किया गया था अभ्यारण में दर्ज लगभग 101 पक्षियों की प्रजातियां इसे पक्षी जैव विविधता से भरपूर बनाती है सीधी जिले में मौजूद यह एक बेहद रोमांचक जगह है जहां लोग यहाँ दूर दूर से आते हैं
परसिली रिसोर्ट:
सीधी जिले के मझौली विकास खंड में बनास नदी के तट पर स्थित परसिली रिसोर्ट रेतीले तटों और हरियाली का सुंदर दृश्य समेटे हुए हैं, संजय राष्ट्रीय उद्यान में टाइगर रिजर्व के प्रारंभ में बिंदु पर उपस्थित है बालू तट पर नंगे पाँव सैर, सफारी व पक्षी दर्शन के लिए प्रसिद्ध है
सीधी बाँध:
सीधी बाँध सीधी जिले में स्थित सुंदर जलाशय है यह बाँध चारों तरफ से पहाड़ियों से घिरा हुआ है यहां आप अपना बहुत ही अच्छा समय बिताने के लिए आ सकते हैं बरसात के समय यहां पर चारों तरफ हरियाली देखने के लिए मिलती है जिस वजह से लोगों की अच्छी खासी भीड़ यहां पर पहुंचती है
चंद्रेश शिव मंदिर:
चंद्रेश शिव मंदिर चेदि शासकों के गुरु प्रबोध शिव, जो मत्त-मयूर नामक प्रसिद्ध शैव संप्रदाय से संबंधित थे निसाधना वा स्थापित किया था जिसमें इसके निर्माण काल से संबंधित दो प्राचीन संस्कृत शिलालेख लगे है चंद्रेश शिव मंदिर सोन एवं बनास नदी के संगम के निकट स्थित है वो वर्तमान में भारतीय पुरातात्विक सर्वे द्वारा संधारित है यह मंदिर परसिली रिसोर्ट से लगभग 60 kilometer की दूरी पर है
तुर्रा जलप्रपात सीधी:
तुर्रा जलप्रपात सीधी जिले का एक सुंदर जलप्रपात है यह जलप्रपात बरसात के समय देखने के लिए मिलता है यह जलप्रपात सुंदर घाटियों के बीच में है यहां पर पहाड़ियों का सुन्दर दृश्य देखने को मिलता है यह बेहद खूबसूरत जलप्रपात है और यह जल ढोहा के घाट में है नव वर्ष के दौरान यहां लोगों कीअच्छी खासी भीड़ देखने को मिल जाएंगी
गुलाब सागर बांध सीधी:
गुलाब सागर बांध सीधी शहर का एक सुंदर पर्यटन स्थल है और यह एक सुंदर जलाशय भी है यह जलाशय चारों तरफ से पहाड़ियों से घिरे हुआ है यहां पर आप घूमने के लिए आ सकते हैं बरसात के समय यहां पर हरियाली देखने के लिए मिल जाएंगी यहां पर बरसात के समय बांध के गेट भी खोल दिए जाते हैं जिसका दृश्य से काफी आकर्षक लगता है यह सीधी जिल लेकर खड्डी में स्थित है गुलाब सागर बांध में 6 gate हैंइस बांध के सामने एक सड़क है जिससे आप बांध के सामनेका दृश्य से देख सकते हैं जब dam के gate खोले जातेहैं उस समय के तरह से कोई यहां पर देख सकते हैं यहां पर पहाड़ियों का एक सुंदर दृश्य से भी देखने के लिए मिलता है
भंवर सेन संगम स्थल सीधी:
भंवर सेन संगम स्थल सीधी शहर में स्थित एक प्रसिद्ध जगह है यहां पर मध्य प्रदेश के प्रसिद्ध नदी सोन और बनास नदी का संगम हुआ है इन दोनों नदी का संगम स्थल बहुत ही सुंदर है यह देखना चारों तरफ से पहाड़ियों से घिरी हुई है और यहाँ पर रेत का मैदान भी देखने के लिए मिलता है आप इस जगह को देख कह सकते हैं कि यह एक mini गोवा है और यहाँ पर आपको बहुत ही मजा आता है आप यहाँ पर नहाने का मजा भी ले सकते हैं यहां पर हर साल मकर संक्रांति के समय मेले का बहुत बड़ा आयोजन किया जाता है जिसमें दूर-दूर से लोग इस मेले में शामिल होने के लिए आते हैं
बरदी का किला सीधी:
बरदी का किला सीधी शहर का एक प्राचीन स्थल है यह एक प्राचीन किला है और यह किला सोन नदी के पर स्थित है यह एक गढ़ी है यह किला अभी भी अच्छी अवस्था में मौजूद है यह किला अठारह शताब्दी में राजा मयूर शाह अपनी राजधानी बनाया था उसी समय इस गढ़ी का निर्माण किया था स्थानीय मान्यताओं के अनुसार राजा मयूर सिंह चंदेल के वंशज थे यह यह किला बहुत ही सुन्दर है इस गढ़ी के पूर्व एवं पश्चिम में प्रवेश द्वार बने हुए हैं पूर्व का द्वार मुख्य प्रवेश द्वार है और इस प्रवेश द्वार में सुंदर पत्थरो की कारीगर देखने के लिए मिल जाती हैं